अस्पताल में महिलाओं की सुरक्षा में प्राथमिकता आवश्यक : भावना

 अस्पताल में महिलाओं की सुरक्षा में प्राथमिकता आवश्यक : भावना

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

 

जीपीएम के सभी अस्पताल प्रबंधकों की एसपी ने ली बैठक

चिकित्सा अधिकारी समेत बीएमओ और डाक्टर रहे शामिल

महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में चर्चा की गई

 

 

पेंड्रा : कर्मचारियों और प्राइवेट सुरक्षा कर्मियों के चरित्र सत्यापन और मानसिक आचरण की जांच होगी। अस्पताल प्रभारी और थाना प्रभारी संयुक्त रूप से सुरक्षा की जांच करेंगे। उक्त बातें अस्पताल प्रबंधकों की बैठक में आइपीएस एसपी भावना गुप्ता ने कही। उन्होंने कार्यरत महिला स्टाफ के लिए बाथरूम रेस्ट रूम की पृथक व्यवस्था और नाइट ड्यूटी दौरान सुरक्षित घर छुड़वाने की व्यवस्था पर सहमति बनाई।

उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में तथा आगंतुक महिलाओं की सुरक्षा के विषय पर स्वास्थ्य विभाग और हास्पिटल प्रबंधन की बैठक ली। बैठक में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अशोक शर्मा समेत सभी बीएमओए और निजी एवं शासकीय अस्पतालों के डाक्टर्स भी उपस्थित रहे। मीटिंग में अस्पताल परिसर को सुरक्षित बनाने विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई इसमें महिला डाक्टर्स द्वारा मुखरता से अपनी आवश्यकताओं और सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने चिकित्सकों एवं कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में स्वास्थ्य विभाग और हास्पिटल प्रबंधन के संबंध में कार्यशाला में महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधान का पालन करने, स्वास्थ्य केन्द्रों में दैनिक वेतनभोगी या किसी प्रायवेट एजेंसी से कर्मचारी नियोजित करने की स्थिति में उनका पुलिस विभाग से अनिवार्यतः चरित्र सत्यापन एवं स्वत: सत्यापित करने के लिए निर्दशित किया साथ ही 15 दिन के भीतर आंतरिक शिकायत समिति का गठन कर सूचना पुलिस कार्यालय जीपीएम भेजने के लिए निर्देश दिया गया एवं अस्पताल की सुरक्षा के लिए अस्पताल परिसर के बाहर एवं भीतर सीसीटीवी कैमरा से निगरानी रखने, किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति का अस्पताल परिसर में प्रवेश रोके जाने, रात में ड्यूटीरत डाक्टर का नाम एवं फोन नंबर बोर्ड पर डिस्प्ले किए जाने, रात में ड्यूटीरत महिला डाक्टर एवं अन्य महिला कर्मियों के लिए पृथक से कामन रूम की व्यवस्था किए जाने, किसी भी यौन अपराध या बालकों के अधिकारों के हनन से संबंधित शिकायत संज्ञान में आए तो तत्काल पुलिस को /सूचना प्रेषित की जाने, अस्पताल परिसर में प्रायवेट एम्बुलेंस की स्थाई पार्किंग प्रतिबंधित किए जाने एवं अस्पताल परिसर में सुलभ दृश्य स्थानों पर पुलिस समाधान हेल्प लाईन नंबरएवं डायल चस्पा किए जाने के संबंध में चर्चा की गई ।

इस प्रकार के नियम बने

उन्होंने कहा अस्पताल में लगे सभी कर्मियों का कैरेक्टर वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। जहां प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखे जा रहे हैं उनका भी कैरेक्टर सत्यापित करवाए। उनकी मानसिक स्थिति एवं सजगता की निगरानी करें। ड्यूटी स्थल में नियमित परिवर्तन करें। एक्सेस कंट्रोल बाहरी व्यक्तियों एवम प्राइवेट लोगों को हास्पिटल के संवेदनशील भाग में प्रवेश नहीं मिलेगी। रात में महिला कर्मियों को घर तक छोड़ने की सुरक्षित व्यवस्था हो। डाक्टर्स के रेस्ट रूम और बाथरूम के लिए सुरक्षित तथा पृथक व्यवस्था होगी जहां अनुमति के बिना प्रवेश वर्जित रहेगा। सीसीटीवी कैमरा वर्किंग हो एक विशेष चैंबर में निगरानी होगी। एंट्री एक्जिट कारिडोर और बाउंड्री कवर करते हुए हो। ओपीडी रूम और ऐसे कक्ष जहां महिलाओं को पुरुष डाक्टर द्वारा चेक किया जाता था अनिवार्यतः महिला कर्मी ड्यूटी में साथ हों। बैठक में पुलिस विभाग से जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल समेत एसडीओपी और थाना प्रभारी शामिल रहे।