भारत बंद के दौरान छत्तीसगढ़ में बड़ा बवाल! थ्री लेयर सुरक्षा तोड़ कलेक्ट्रेट में घुसे आंदोलनकारी,

 भारत बंद के दौरान छत्तीसगढ़ में बड़ा बवाल! थ्री लेयर सुरक्षा तोड़ कलेक्ट्रेट में घुसे आंदोलनकारी,

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने थ्री लेयर की बैरिकेटिंग की थी। आंदोलनकारी ने थ्री लेयर सुरक्षा को तोड़कर कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गए..

 

बस्तर।भारत बंद के दौरान छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में बड़ा बवाल हुआ है। यहां सड़कों पर उतरे आंदोलनकारी रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय की ओर कूच किया। यहां पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने थ्री लेयर की बैरिकेटिंग की थी। वहीं सैकड़ों की संख्या में जुटे आंदोलनकारियों ने थ्री लेयर सुरक्षा को तोड़कर कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गए। इस दौरान आंदोलनकारी नारेबाजी करते रहे।

 

 

 

 

उल्लेखनीय है कि आरक्षण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने प्रदेश में बंद बुलाया है। बंद के दौरान संगठनों ने शहरों में रैली निकाली। गनीमत रहा कि कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। इस बीच दोपहर बाद कोंडागांव से आए वीडियो ने डरा दिया है। जानकारी के अनुसार आंदोलनकारी कलेक्टर के अंदर घुसकर नारेबाजी कर रहे हैं।

 

सभी जिलों में बंद का मिला-जुला असर
छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में भारत बंद का मिला जुला असर रहा है। रायपुर में सुबह से ही शहर की प्रमुख दुकानें बंद है। ऑटो और बसों के पहिए थमने से लोग परेशान रहे। इधर सुबह-सुबह स्कूल पहुंच बच्चों को वापस लौटना पड़ा।

उप मुख्यमंत्री ने कही ये बात
आरक्षण मुद्दे पर बंद को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात कही है। एक्स पर लिखा कि सिर्फ़ कुत्सित राजनीति – देश को अराजकता में झोंकने का षड्यंत्र.. जब केंद्र सरकार ने अपनी राय स्पष्ट कर दी है – की ST-SC आरक्षण में क्रिमी लेयर लागू नहीं होगा – तब कल 21 अगस्त 2024 को भारत बंद के आह्वान का औचित्य क्या है ?
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 1 अगस्त 2024 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। उन्होंने राज्यों को एससी और एसटी समूहों के भीतर उप-श्रेणियां बनाने की अनुमति दी, जिसमें कहा गया, “जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।” इस फैसले ने व्यापक बहस छेड़ दी है और भारत बंद का आह्वान किया है।