आम लोगों के पैसे से पुलिस तैयार कर रही आधुनिक सिस्टम, शहर के सुरक्षा के लिए लोगों ने की मदद
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
राजनांदगांव के लोगों ने शहर की सुरक्षा के लिए प्रशासन से हाथ मिलाया है। शहर के लोगों अपने पैसों से आधुनिक सीसीटीवी लगवा रहे हैं। राजनांदगांव के एसपी ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि त्रिनेत्र नाम की परियोजना का खर्च आम जनता उठा रही है।
राजनांदगांव में त्रिनेत्र परियोजना शुरू
सुरक्षा के लिए शहर में लगेंगे सीसीटीवी
जनता ने प्रशासन के साथ मिलाया हाथ
अपराधियों को पकड़ने में मिल
राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव शहर में यातायात नियमों को बेहतर तरीके से लागू करने में प्रशासन को लोगों का भी साथ मिलेगा। लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के खातिर स्थानीय निवासियों ने अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाने और एक आधुनिक एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ हाथ मिलाया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए राजनांदगांव जिला प्रशासन और पुलिस ने ‘त्रिनेत्र’ नामक एक परियोजना शुरू की है, जिसका पूरा खर्च स्थानीय निवासियों द्वारा वहन किया जा रहा है।
जनता पैसों से दे रही है सहयोग
राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि यह अपनी तरह की पहली स्मार्ट सिटी ‘आईटीएमएस’ (यातायात प्रबंधन प्रणाली) और निगरानी परियोजना है, जिसका पूरा वित्तपोषण जनता द्वारा किया जा रहा है। गर्ग ने बताया कि इसके तहत स्वत: नंबर प्लेट की पहचान (एनपीपीआर) करने वाले 25 कैमरे, सभी दिशाओं में घूमने वाले (वैरिफोकल) 300 कैमरे और पचास ‘80/50’ मीटर तक ध्यान केंद्रित करने वाले कैमरे समेत 385 नए कैमरे शहर के प्रवेश केंद्र और चौराहों पर लगाए जाएंगे।
शहर की आबादी करीब 1.50 लाख
इसके अलावा, पूर्व में जन सहयोग और सरकारी धन से लगाए गए 152 कैमरों का रखरखाव भी किया जाएगा। अधिकारी ने बताया की राजनंदगांव शहर की आबादी करीब 1.50 लाख है। शहर में मौजूदा तीन यातायात सिग्नल की मरम्मत के अलावा सात नये यातायात सिग्नल लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ई-चालान की सुविधा के लिए इन यातायात सिग्नल पर ‘एएनपीआर’ और ‘वैरिफोकल’ कैमरे लगेंगे।
नियंत्रण कक्ष भी होगा स्थापित
गर्ग ने बताया की पुलिस अधीक्षक कार्यालय राजनांदगांव में एक आधुनिक एकीकृत नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जा रहा है, जिसमें संदिग्ध गतिविधि की पहचान करने, संदिग्ध व्यक्ति की पहचान करने आदि जैसी कृत्रिम मेधा विशेषताओं से लैस सर्वर होगा। उन्होंने बताया कि त्वरित आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए नियंत्रण कक्ष को जिला नियंत्रण कक्ष और ‘112’ (आपातकालीन सेवा नंबर) नियंत्रण कक्ष के साथ भी एकीकृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नए सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष के सर्वर में एक हजार कैमरों को जोड़ने की क्षमता होगी।
आम जनता भी देख सकेगी कैमरे
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आपराधिक मामले में प्राथमिकी दर्ज होने या संबंधित पुलिस थाने से अनुमति मिलने के बाद ही परियोजना के तहत लगाये गये कैमरों की फुटेज आम जनता को दिखाई जाएगी। उन्होंने बताया कि परियोजना की लागत लगभग 1.25 करोड़ रुपये होगी। गर्ग ने बताया कि उन्होंने राजनांदगांव जिलाधिकारी संजय अग्रवाल के साथ मिलकर इस परियोजना को लागू करने की योजना तैयार की है, जो इस साल सितंबर में पूरी होने की संभावना है।
अपराधियों को पकड़ने में मिलेगी मददजिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने बताया कि इससे पुलिस को अपराध की जांच और अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी। अगले चरण में इस परियोजना को जिले के अन्य खंडों में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बाहर कैमरे लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।