स्वजन को समझाईश देकर रोकी गई किशोरी की शादी, महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस टीम की कार्रवाई
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
जांजगीर – चांपा। महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से आज एक किशोरी का विवाह रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना टीम कोनारगढ़ पहुंची और बालिका के बालिग होने पर ही विवाह करने स्वजन को समझाईश दी गई।
पामगढ़ ब्लाक के ग्राम कोनारगढ़ में बाल विवाह की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग की टीम बालिका के घर पहुंची। बालिका की अंकसूची की जांच की गई। जिसमें उसकी उम्र 16 वर्ष दो माह पांच दिन ही हो रहा था। बालिका के नाबालिक होने की स्थिति में परिवार के लोगों को समझाइस के पश्चात् बालिका की माता -पिता परिवार की सहमति से स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति में बालिका का विवाह रोका गया। टीम में जिला बाल संरक्षण इकाई से आउटरिच वर्कर अमित भोई, चाइल्ड लाईन से टीम मेम्बर जोहित कश्यप, सरला वर्मा, सुषमा तिवारी आगनबाड़ी कार्यकर्ता कोनारगढ़ एवं थाना पामगढ़ से सहायक उप निरीक्षक केके साहू , आरक्षक यशवंत कुमार कश्यप, महिला आरक्षक करूणा साहू शामिल थीं।
सजा का प्रविधान फिर भी हो रही शादी
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, टेंट प्रभारी डीजे साउड, धुमाल प्रभारी, भोजन बनाने वाले रसोइया हलवाई, केटरिन प्रभारी, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। अधिनियम के तहत दो वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा एक लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रविधान है।