कवर्धा में हादसे के बाद टूटी परिवहन विभाग की नींद, 15 बसों पर हुई चालानी कार्रवाई –
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
कहते हैं जब जागो तब सवेरा.यही हाल कवर्धा के परिवहन विभाग का है.परिवहन विभाग की नींद आखिरकार खुल गई. वजह ये थी कि शनिवार सुबह करीब 11 बजे एक स्कूली बस में आग लग गई.आनन फानन में आग बुझाई गई.जिसकी वजह से बस में सवार 30 बच्चे बच गए.लेकिन इस घटना के बाद परिवहन विभाग के अफसरों के कान खड़े हुए और फिर बसों की चेकिंग शुरु हुई.
कवर्धा: कुंभकर्णीय नींद में सोया हुआ परिवहन विभाग एक दुर्घटना के बाद जाग गया.शनिवार सुबह प्राइवेट स्कूल की बस में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई. ड्राइवर की सूझबूझ के कारण एक बड़ी दुर्घटना टल गई. क्योंकि जिस समय बस में आग लगी उस वक्त बस में 30 बच्चे सवार थे.इस घटना के कारण चीर निंद्रा में सोया हुआ परिवहन विभाग जाग उठा.जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे ने तत्काल परिवहन अफसरों को वाहनों की चेकिंग के निर्देश जारी किए.
यात्री बसों पर हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई :कलेक्टर का निर्देश मिलते ही परिवहन विभाग ने शहर के अंदर और बाहर जाने वाली बसों की चेकिंग शुरु की.जिसमें कुछ ही घंटे के भीतर 15 बस बिना परमिट, फिटनेस और बिना टैक्स पटाए सड़क में दौड़ते मिले. नियम का उल्लंघन करने वाली बसों पर यातायात विभाग ने मोटरयान अधिनियम 1988 के तहत 48 हजार रुपए की चालानी कार्रवाई कई. वहीं 1 बस से एक लाख 3 हजार 255 रुपए का जुर्माना वसूला गया.साथ ही 3 बसों को जब्त किया गया है. जिला परिवहन अधिकारी मोहनलाल साहू ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर जिले के सरहदी सीमा बिलासपुर मार्ग, राजनांदगांव मार्ग पर विभागीय अधिकारियों के दौरान वाहनों के दस्तावेज की चेकिंग की गई.
”15 बसों के दस्तावेज में कमी परमिट समाप्त हो चुका था. कुछ में बीमा और अन्य दस्तावेज में कमी पाई गई जिसपर मोटरयान अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई करते हुए 48 हजार रुपए का चलानी कारवाई की गई.
एक बस के मालिक से 1 लाख 3 हजार 255 रुपए की वसूली की गई.तीन बसों को जब्त किया गया.” मोहनलाल साहू, जिला परिवहन अधिकारीआपको बता दें कि यदि शनिवार सुबह दुर्घटना ना होती तो शायद ही कभी बसों की चेकिंग होती.लेकिन ये कार्रवाई कितने दिनों तक होगी ये कहना मुश्किल है.लोगों का आरोप है कि कवर्धा परिवहन विभाग में ट्रांसपोर्ट मालिक और अधिकारी आपस में सांठगांठ करके नियमों का उल्लंघन करते हैं.इसलिए बीमा रजिस्ट्रेशन,परमिट और बीमा के बसें सड़क पर फर्राटा भरती हैं.