देखिए कैसे बिजली कंपनी के भंडार में कट आउट बाक्स के पास छोटी चिंगारी से भड़की थी आग, 125 करोड़ हुए खाक
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
रायपुर। : बिजली कंपनी के भंडार गृह में भीषण आग लगने के कारणों का एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि कट आउट बाक्स के पास आग शुरू हुई थी। एक छोटी-सी चिंगारी गिरी जो झाड़ियों को जलाते हुए ट्रांसफार्मर और पावर आयल से भरे ड्रामों तक पहुंची थी और देखते ही देखते सबकुछ खाक हो गया। ट्रांसफार्मर, केबल, मीटर कंकाल में तब्दील हो गए। इस अग्निकांड में जहां भंडारगृह का देखरेख करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही जहां साफ नजर आ रही है, इससे शासन को 125 करोड़ का नुकसान हुआ है।
जांच समिति ने कर्मचारियों ने दर्ज किए बयान
रायपुर में बिजली कंपनी के गोदाम में शुक्रवार को लगी आग मामले की जांच शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर बनी छह सदस्यीय जांच टीम सोमवार को भंडार गृह पहुंची और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। पूछताछ में कर्मचारियों ने बयान में कहा कि अंदर बोर के पास सूखी घास में लगी आग की एक चिंगारी आयल से भरे ड्रम पर गिरने से भड़क उठी।
दोपहर डेढ़ बजे करीब यह आग बाहर से किसी ने लगाई या बोर के ऊपर से गए हाईटेंशन लाइन से चिंगारी गिरने के बाद लगी, यह अभी तक साफ नहीं है। आग सुलगती देख एक कर्मचारी ने अपने दूसरे साथियों को बुलाया और बाल्टी लेकर आग बुझाने की कोशिश भी की, लेकिन चिंगारी उड़कर आयल से भरे ड्रम पर गिरी और आग ज्यादा फैलने लगी, तब पानी लेने के लिए बाथरूम की ओर दौड़े।
आग ने लिया विकराल रूप फिर दी फायर ब्रिगेड को सूचना
कर्मचारी जब तक वापस जाते, आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। यह कर्मचारियों ने देखकर उन्होंने बिजली कंपनी के अधिकारियों और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। दोपहर दो बजे अफसर और फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी पहुंची।
कर्मचारियों ने अपने बयान में यह भी बताया है कि फोम की जगह दमकलकर्मी पानी लेकर पहुंचे थे। पानी फेंकने से तेल ऊपर तैरने लगा और आग बढ़ने लगी। इस दौरान फायर ब्रिगेड की दूसरी गाड़ी भी गोदाम में पहुंच गई। आग तेजी से बढ़ता देखकर फायरकर्मी परिसर के बाहर आ गए और फोम आने का इंतजार करने लगे। जब तक अन्य दमकल आते ट्रांसफार्मर और आयल के ड्रमों में विस्फोट होने लगा।
20 मिनट की लापरवाही में करोड़ों खाक
कर्मचारियों ने कमेटी को बताया कि घटना के दिन अवकाश था। भंडारगृह में सुरक्षाकर्मी को मिलाकर पांच लोग मौजूद थे। इनमें से तीन लोगों का बयान दर्ज किया गया है। बिजली कंपनी के अधिकारी दबी जुबान में आग लगने के बाद लापरवाही होने की बात स्वीकार कर रहे हैं। हालांकि अधिकृत बयान देने से अभी बच रहे हैं।
भंडारगृह में फायर फाइटिंग सिस्टम ना होना और आग लगने के बाद पहुंची फायर ब्रिगेड टीम के फोम लेकर ना पहुंचने को बिजली कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही मान रहे हैं। आग की वजह से भंडारगृह का मुख्य द्वार भी जल गया। समिति ने इस द्वार को सील कर वहां पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है।
गोदाम में पदस्थ कर्मियों की मांगी जानकारी
जांच कमेटी में शामिल सदस्यों के अनुसार भंडारगृह में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों की पोस्टिंग तिथि की जानकारी भी मांगी गई है। इसके अलावा कौन से अधिकारी, कितने समय से पदस्थ हैं, यह भी पूछा गया है। इसे कुछ लोग स्क्रैप बिक्री और ट्रांसफार्मर के हिसाब-किताब में गड़बड़ी होने से कुछ ट्रांसफर पालिसी से जोड़कर देख रहे हैं।