छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से श्रम निरीक्षक का स्थानांतरण आदेश किया निरस्त
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
बिलासपुर। राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश को चुनौती देते हुए दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत दी है। कोर्ट ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है गेंदूराम आर्मों ने अधिवक्ता अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि मुंगेली जिले में श्रम निरीक्षक के पद पर वे कार्य कर रहे थे। पदस्थापना के दौरान मार्च 2024 में सचिव, छग. शासन श्रम विभाग, रायपुर द्वारा एक आदेश जारी कर स्थानांतरण जिला कांकेर कर दिया गया। मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में हुई।
प्रकरण की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता पांडेय ने कहा कि वर्तमान में याचिकाकर्ता 61 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं एवं फरवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं।
अर्थात याचिकाकर्ता के रिटायरमेंट को एक वर्ष से भी कम का समय शेष है। यदि इस दौरान याचिकाकर्ता का स्थानांतरण अनुसूचित जिला कांकेर में किया जाता है तो उन्हें इस उम्र में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
उनके परिवार के सदस्यों को भी परेशानियां उठानी पड़ेगी। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले सेवानिवृत्ति देयक के संबंध में भरे जाने वाले फार्म एवं अन्य प्रक्रिया में विलंब होने से याचिकाकर्ता को सेवानिवृत्ति के बाद सेवा निवृत्ति देयक प्राप्त करने में भी विलंब एवं परेशानी होगी।
याचिकाकर्ता की आयु को देखते हुए उनका स्थानांतरण निरस्त किया जाना आवश्यक है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है।