डायवर्सन में भ्रष्टाचार: कलेक्टर शपथपत्र के साथ बताएं कितने केस, कितने पेंडिंग
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
बिलासपुर के तहसील कार्यालय में आए दिन भ्रष्टाचार की शिकायत आती रहती है। आरोप है कि तहसील में बिना पैसों के कोई काम नहीं होता। जमीन के कागजी कार्यवाही के लिए खुलेआम पैसे की मांग की जाती है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर एसडीएम को भी किया तलब
बिलासपुर। बिलासपुर तहसील में डायवर्सन के नाम पर भ्रष्टचार और बिन पैसे काम नहीं किए जाने के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। हाईकोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर को खुद के शपथ पत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा है कि वे बताएं कि डायवर्सन के कितने केस दर्ज हैं और कितने पेंडिंग हैं। साथ ही हाइकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा के डिविजन बेंच ने बिलासपुर एसडीएम को भी तलब किया है।
बिलासपुर के तहसील कार्यालय में आए दिन भ्रष्टाचार की शिकायत आती रहती है। आरोप है कि तहसील में बिना पैसों के कोई काम नहीं होता। जमीन के कागजी कार्यवाही के लिए खुलेआम पैसे की मांग की जाती है। सरकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर रोहिणी दुबे ने अपने अधिवक्ता राजीव दुबे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि तहसील कार्यालय में बिना पैसों के कुछ काम नहीं होता। तहसील कार्यालय में एसडीएम की नाक के नीचे जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। पूरे मामले पर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर को खुद के शपथ पत्र के साथ 27 फरवरी की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कलेक्टर डायवर्सन से संबंधित केसों का स्टेटस रिपोर्ट पेश करें।