नक्‍सलियों के गढ़ में जहां जाने से डरते थे लोग, अब वहां जवानों ने किया कब्जा, पुर्वर्ती गांव में खुला नया कैंप

 नक्‍सलियों के गढ़ में जहां जाने से डरते थे लोग, अब वहां जवानों ने किया कब्जा, पुर्वर्ती गांव में खुला नया कैंप

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

यहां बीते कई दशकों से नक्सलियों का कब्जा रहा है

बड़े लीडर हिड़मा व देवा इसी गांव के रहने वाले है

नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन का इलाका है

 

सुकमा..छत्‍तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिले का सरहदी गांव पुर्वर्ती, जहां नक्सलियों की जनताना सरकार चलती है। उस इलाके में जवान तो क्या आम आदमी भी जाने से डरता है। क्योंकि ये गांव 25 लाख इनामी नक्सली हिड़मा का है। और हाल ही टेकलगुड़ा हमले का मास्टरमाइंड देवा जिस पर 10 लाख का इनाम घोषित है वो भी इसी गांव का है। यहां से जनताना सरकार चलती थी, लेकिन जवानों ने ना सिर्फ यहां तक पहुंच बनाई बल्कि नया कैंप स्थापित किया। ये आसान काम नहीं है, बल्कि जवानों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। इस कैंप की स्थापना के साथ-साथ इलाके का विकास कार्य अब संभव होगा।

 

 

सिलगेर कैंप के बाद उस इलाके में 30 जनवरी को टेकलगुड़ा कैंप खोला गया था जिस पर नक्सलियों ने हमला किया और तीन जवान बलिदान हुए। दरअसल ये इलाके घोर नक्सल प्रभावित है और बीजापुर की सीमा से लगा हुआ है। यहां बीते कई दशकों से नक्सलियों का कब्जा रहा है और बड़े लीडर हिड़मा व देवा इसी गांव के रहने वाले है। लिहाजा नक्सलियों की जनताना सरकार इसी इलाके से संचालित की जाती है। पूर्वर्ती गांव सिलगेर से करीब 20 किमी दूर है। यहां जाने की हिम्मत ना तो जवानों में थी और ना ही आम आदमी में लेकिन अब वहां पर नया कैंप खोल दिया गया है। कैंप खोलना आसान नहीं है, क्योंकि ये नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन का इलाका है। और पूर्वती बटालियन का हेड क्‍वार्टर है

 

 

एसपी ने खुद संभाली कमान

सुकमा पुलिस के इतिहास में अब तक का सबसे खतरनाक कैंप खोला गया जहां एसपी किरण चव्हाण ने खुद रहकर कैंप खोला। सुबह जब जवान वहां पहुंचे तो नक्सलियों ने हमला करने की कोशिश की लेकिन जवानों की जवाबी कार्रवाई के चलते वो मौके से भाग गए। टेकिलगुडियम में हुए हमले के बाद फोर्स ने नई आक्रमक रणनीति अपनाते आगे बढ़े और कैंप खोल दिया।

 

 

कौन है हिड़मा व देवा

 

पूर्वती गांव का रहने वाला हिड़मा 25 से ज्यादा हमलों में शामिल रहा है। 2001 से नक्सल संगठन में काम कर रहा है। कई पदों पर काम कर चुका हिड़मा बटालियन की कमान संभाल चुका है। जिसमे ताड़मेटला हमला जिसमे 76 जवान बलिदान हुए थे। बुर्कापाल जिसमे 24 जवान बलिदान हुए थे ऐसी कई घटनाओ को अंजाम दे चुका है उस पर 25 लाख का इनाम घोषित है।

बताया जाता है कि हिड़मा चार सुरक्षा के घेरे में रहता है। पुलिस के पास भी ज्यादस जानकारी नही है। वही बारसे देवा भी इसी गांव का है। बारसे देवा ने हाल ही 30 जनवरी को। टेकलगुडियम में हमला किया था उसमें 3 जवान बलिदान हुए थे। बारसे देवा झीरम जैसी घटनाओं में शामिल रहा है। वर्तमान में बटालियन की कमान देवा के हाथ मे है।

 

केम्प के आसपास बटालियन सक्रिय

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह जवानों ने केम्प खोलना शुरू किया। तब से बटालियन की लोकेशन आसपास 5 किमी के दायरे में मिल रही थी। सुरक्षा बल के जवान भी पूरी तैयारी में गए है। इस केम्प के लिए सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी, बस्तर फाइटर के जवान दो आइपीएस एसपी व एएसपी, डीआइजी सीआरपीएफ, कई डीएसपी के नेतृत्व में कैंप खोला है।