21 घंटे तक खड़ी रहने के बाद झाडू तक नहीं लगी और ट्रेन रवाना स्लीपर कोच में पसरी गंदगी।
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
गंदगी के बीच बिलासपुर- तिरुपति एक्सप्रेस के यात्रियों ने की यात्रा
रेलवे स्वच्छता को लेकर जिस तरह गंभीर होने का दावा करती है, हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है।
इस ट्रेन के प्रत्येक कोच में गंदगी पसरी हुई थी।
बिलासपुर। रेलवे स्वच्छता को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। मंगलवार को बिलासपुर- तिरुपति एक्सप्रेस ट्रेन में यही देखने को मिला। 20 घंटे तक ट्रेन यार्ड में खड़ी रही और फिर तय समय पर गंतव्य के लिए रवाना हो गई। लेकिन, इस ट्रेन की सफाई तो दूर एक भी कोच झाडू तक नहीं लगी। यात्रियों को गंदगी के बीच यात्रा करनी पड़ी। यह बेहद महत्वपूर्ण ट्रेन है। हालांकि यह हमारे रेलवे जोन की नहीं है। लेकिन, बिलासपुर से इस ट्रेन में बड़ी संख्या में यात्री सफर कर रहे थे। बिलासपुर रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन दोपहर 3:15 बजे के करीब तिरुपति के लिए छूटती है। तिरुपति से यह ट्रेन शाम 5:30 बजे के लगभग बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंच जाती है। दूसरे जोन की ट्रेन होने के कारण बिलासपुर में सेकंडरी मेंटेनेंस होती है। लेकिन, यहां मेंटेनेंस के नाम पर कुछ भी नहीं होती।
तिरुपति से पहुंचने के बाद ट्रेन को यार्ड में खड़ी कर दी जाती है और दूसरे दिन छूटने के समय से कुछ घंटे पहले रेलवे स्टेशन में आकर खड़ी हो जाती है। मंगलवार को भी यही हुआ। ट्रेन जब यार्ड से प्लेटफार्म छह पर आकर खड़ी हुई तो यात्रियों के अलग- अलग कोच में चढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया। लेकिन, कोच की हालत देखकर वह हैरान रह गए और यही सोच रहे थे कि रेलवे स्वच्छता को लेकर जिस तरह गंभीर होने का दावा करती है, हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है। इस ट्रेन के प्रत्येक कोच में गंदगी पसरी हुई थी। शौचालय से तो इतनी बदबू आ रही थी कि यात्रियों को इससे बचने के लिए रूमाल व गमछे का सहारा लेना पड़ा। यात्रियों को लगा कि रेलवे स्टेशन में इसकी सफाई होगी। लेकिन, सफाई तो दूर झाडू तक लगाने वाला कोई नहीं पहुंचा। रेलवे यात्रियों से किराया पूरा लेकर अधूरी सुविधा दे रही है।