छत्तीसगढ़–तेलंगाना सीमा पर मुठभेड़ में 7 नक्सली ढेर…
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार,
भारी संख्या में हथियार भी बरामद
क्षेत्र में जवानों का सर्च ऑपरेशन
बस्तर में इस साल 207 नक्सली ढेर
जगदलपुर । राज्यों के समन्वय से नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान में नक्सलियों को चौतरफा नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब छत्तीसगढ़-तेलंगाना राज्य की सीमा में मुलगू जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सात नक्सलियों को मार गिराया गया है।
मुठभेड़ स्थल से सात नक्सलियों के शव मिले हैं। एके-47 समेत अन्य हथियार भी बरामद किए गए हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मुठभेड़ में बड़े नक्सली भी मारे गए हैं। ग्रेहाउंड्स फोर्स मौके पर ही मौजूद है। क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है।
इस वर्ष बस्तर में सबसे अधिक नुकसान
वर्ष की शुरुआत में राजधानी रायपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश राज्य के पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर नक्सलियों के विरुद्ध आपसी समन्वय से नक्सल अभियान संचालित करने की बात कही थी। 2026 तक नक्सलियों का समूल सफाया करने का लक्ष्य दिया था।
तब से लेकर अब तक बस्तर में इस वर्ष हुए 96 मुठभेड़ों के बाद 8.84 करोड़ रुपए के इनामी 207 नक्सलियों के शव पुलिस को मिल चुके हैं। नक्सलियों के पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप की ओर से इस वर्ष देश में मारे गए 253 नक्सलियों में से 226 नक्सली बस्तर क्षेत्र में मारे जाने की बात स्वीकारी है।
रेड कॉरिडोर के बीच बनी सुरक्षा कैंपों की दीवार ने नक्सलवाद पर कसा अंकुश
लाल आतंक के चार दशक पुराने रेड कॉरिडोर को नवस्थापित सुरक्षा कैंपों की दीवार ने कमजोर कर दिया है। बस्तर में चिन्हित किए गए छत्तीसगढ़-तेलंगाना व छत्तीसगढ़-ओडिशा सहित दक्षिण-पश्चिम-पूर्वी बस्तर व अबूझमाड़ सहित 11 कॉरिडोर पर 50 से अधिक सुरक्षा कैंप स्थापित किए जाने से नक्सल गतिविधियों पर भी रोक लगी है।
एक- एक कर धराशायी हो रहे नक्सलियों के कॉरिडोर में से एक दक्षिण बस्तर क्षेत्र के पूवर्ती के आस-पास ही इसी माह तीन नए कैंप खोलकर पहरा बढ़ा दिया गया है। तुमालपाड़, कोंडापल्ली, रायगुड़ेम में स्थापित किए गए सुरक्षा कैंपों ने नक्सल फैक्ट्री के नाम से कुख्यात क्षेत्र में नक्सलियों की नई पौध पर अंकुश लगा दिया है।
नये स्थापित कैंप से नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में तेजी आई है। इन कैंपाें से नक्सल प्रभावित गांव के विकास की प्रदेश सरकार की ”नियद नेल्ला नार” योजना को भी गति मिल रही है। इससे नक्सल संगठन को इस वर्ष कड़ी चोट पहुंची है।