रायपुर जेल में रेडियो पर गाना गाएंगे बंदी, देंगे प्रेरक संदेश, इसी महीने मुख्यमंत्री साय करेंगे शुभारंभ

 रायपुर जेल में रेडियो पर गाना गाएंगे बंदी, देंगे प्रेरक संदेश, इसी महीने मुख्यमंत्री साय करेंगे शुभारंभ

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

रायपुर केंद्रीय जेल में ‘उमंग-तरंग’ नाम का रेडियो स्टेशन शुरू होगा।

रेडियो स्टेशन का उद्देश्य कैदियों के मनोरंजन और तनाव को कम करना।

कैदियों को माइक, स्पीकर और समाचार पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

 

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के रायपुर केंद्रीय जेल में इसी महीने से रेडियो स्टेशन संचालित होने लगेगा। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों से कराने की तैयारी जेल मुख्यालय कर रहा है। दरअसल जेल बंदियों के मनोरंजन और तनाव को दूर कर उनमें सकरात्मक बदलाव के लिए जेल प्रशासन ने रेडियो स्टेशन खोलने की पूरी तैयारी कर ली है।

 

उमंग-तरंग के नाम से शुरू किए जाने वाले वाले इस रेडियो स्टेशन के लिए कैदियों को माइक, स्पीकर, केबल और समाचार पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। सुबह करीब 10 बजे से दोपहर दो बजे और शाम को चार से आठ बजे तक इसका संचालन करने की योजना बनाई गई है।

 

रेडियो की शुरूआत सुबह सबसे पहले मशहूर फिल्म दो आंखें बारह हाथ के गीत, ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम’ से शुरुआत होगी। इसके बाद देश-दुनिया में होने वाले प्रमुख समाचारों का वाचन और अन्य प्रोग्राम का आयोजन होगा। जल्द ही बंदी अपने साथियों के फरमाइशी गीतों को पेश करते नजर आएगे।

 

जेल के अधिकारियों ने बताया कि इस रेडियो स्टेशन को तारों के जरिए सभी बैरकों से जोड़ा जाएगा ताकि जेल के भीतर हर कैदी इसे सुन सके। जेल प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रमों की निगरानी की जाए, ताकि आपत्तिजनक भाषा या तनाव उत्पन्न करने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई जा सके।

 

बंदियों को बेहतर नागरिक बनाने की कोशिश…

 

बंदियों की प्रतिभा को निखारने एक मंच देने का यह जरिया है। यह रेडियो जेल के बाहर लाइव नहीं होगा। जेल में एेसी प्रतिभा है,जो लोगों की कल्पना से परे है। हमारे यहां सिर्फ बेहतरीन गायक बंदी ही नहीं,बल्कि लेखक और भाषण कलाकार भी है। चैनल गायकों,संगीतकार और लेखकों को एक मंच देने के अलावा मनोवैज्ञानिक,कानूनी और स्वास्थ्य परामर्श कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य बंदियों को बेहतर नागरिक बनने के लिए प्रशिक्षित करना और जेल से रिहाई के बाद उन्हे सामान्य जीवन में ढलने में मदद करना है। रेडिया जेल हर दिन सुबह-शाम को प्रसारित होगा। -अमित शांडिल्य, अधीक्षक, रायपुर केंद्रीय जेल।

 

सकरात्मक बदलाव लाने बंदियों की टीम तैयार

रेडियो की एक और खासियत यह होगी कि कैदी अपनी पसंद के गीतों की फरमाइश भी कर सकेंगे। विभिन्न त्योहारों और आयोजनों के दौरान विशेष कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। इसके लिए जेल के योग्य और प्रशिक्षित कैदियों की एक टीम तैयार की जा रही है, जो अपने हिसाब से कार्यक्रम तैयार करेगी।

 

यह पहल रायपुर केंद्रीय जेल में की जा रही है, जहां कैदी मनोरंजन और शिक्षा के उद्देश्य से स्वयं रेडियो स्टेशन का संचालन करेंगे, जो उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त प्रयास साबित होगा। वर्ष 2021 से जगदलपुर केंद्रीय जेल में रेडियो स्टेशन संचालित होता आ रहा है। इसके बेहतर परिणाम सामने आने पर जेल प्रशासन ने रायपुर में भी इसे खोलने की योजना बनाई और जेल मुख्यालय से स्वीकृति मिलते ही सेटअप तैयार कर लिया गया।