वंदे भारत ट्रेन के यात्रियों को अब मिलेगी आधा लीटर रेलनीर बाटल
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
बिलासपुर। नागपुर वंदे भारत ट्रेन में अब पानी की बर्बादी नहीं होगी। इसे रोकने के लिए रेलवे के सुझाव पर आइआरसीसीटी से इस ट्रेन में अब एक की जगह आधा लीटर रेलनीर देने की व्यवस्था लागू की गई है। केवल इस ट्रेन के लिए आइआरसीटीसी के सिरगिट्टी स्थित प्लांट में इसका उत्पादन किया जा रहा है।
वंदे भारत ट्रेन कितनी खास है, यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। यात्रियों के सफर से लेकर उनकी सुविधाओं का खास ध्यान रखा जाता है। ट्रेन नाश्ता व भोजन दोनों का प्रविधान है। इसके लिए यात्रियों को टिकट बनाते समय जानकारी भरनी होती है। यदि कोई नाश्ता या भोजना नहीं चाहता तो उन्हें नहीं दिया जाता है। लेकिन, दो ऐसी सुविधाएं हैं जो अनिवार्य हैं। इनमें एक अखबार और दूसरा पानी बाटल है। यह सुविधा टिकट में ही जुड़ी रहती है। इसके पहले प्रत्येक यात्री को एक अखबार के साथ एक लीटर रेलनीर पानी बाटल दिए जाते थे। लेकिन, देखा जा रहा था कि यात्री एक लीटर पानी का पूरा उपयोग नहीं कर पाते थे। यह व्यर्थ ही बह जाता थ। इसी बर्बाद को रोकने के लिए अब आधा लीटर रेलनीर पानी देने का निर्णय लिया गया है। रेलनीर प्लाटं में इसका उत्पादन भी शुरू हो गया है।
दो बाटल देने का प्रविधान
इस सुविधा के बाद यात्रियों के मन में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति रहती थी कि प्यास लगने पर एक और रेलनीर मिलेगा या नहीं। आइआरसीटीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि यात्री आधी लीटर की बाटल का पानी पी लेते हैं और उन्हें प्यास बुझाने के लिए और बाटल की आवश्यकता पड़ती है तो उन्हें एक और बाटल दी जाएगी। दो बाटल पानी तक यात्रियों से किसी तरह अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता।
1,440 बाटल की खपत
आइआरसीटीसी के एरिया मैनेजर सुभाष चंद्रा का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों को प्यास बुझाने के लिए रेलनीर की छोटी बाटल दी जा रही है। रेलवे के सुझाव के बाद पानी की बर्बादी रोकने यह निर्णय लिया गया है। नई व्यवस्था के तहत अप व डाउन मिलाकर 1,440 रेलनीर बाटल की खपत हो रही है। इसकी कीमत 10 रुपये निर्धारित की गई है। पहले एक लीटर की कीमत 15 रुपये थी। ट्रेन में 528 सीटें हैं।