मवेशियों का समुचित देखभाल और प्रबंधन क्यों नहीं हो पा रहा: हाई कोर्ट

 मवेशियों का समुचित देखभाल और प्रबंधन क्यों नहीं हो पा रहा: हाई कोर्ट

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

सड़कों पर मवेशी मामले पर हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को किया तलब

 

 

 

बिलासपुर। सड़कों पर बेसहारा मवेशियों के चलते लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। मवेशी भी रोड एक्सीडेंट का शिकार हो रहे हैं। सोमवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य शाासन की ओर से पैरवी के लिए उपस्थित महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर से पूछा कि शासन स्तर पर क्या कार्रवाई की जा रही हैं। चीफ जस्टिस ने मुख्य सचिव को हलफनामा के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिए हैं। दो सप्ताह पीआईएल पर सुनवाई होगी।

 

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने राज्य शासन से पूछा कि मवेशियों का समुचित देखभाल और प्रबंधन क्यों नहीं हो पा रहा है। रोड एक्सीडेंट में मवेशी के साथ ही लोग घायल हो रहे और कालकलवित भी हो रहे हैं। चीफ जस्टिस ने मुख्य सचिव को इस पूरे मामले में शपथ पत्र के साथ जानकारी पेश करने का निर्देश दिए हैं। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है।

 

अफसरों ने मवेशियों पर जियो टैगिंग लगाने दिया था सुझाव

 

बीते सुनवाई के दौरान एनएचएआइ के अफसरों ने हाई कोर्ट को बताया था कि, मवेशियों को सड़कों से हटाने के बाद वे फिर वापस आ जाते हैं। मवेशियों को सुरक्षित रखने की समुचित व्यवस्था ना होने के कारण वे दोबारा सड़कों पर आते हैं। अफसरों ने मवेशियों में जियो टैगिंग का सुझाव दिया था। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस संबंध में जानकारी मांगी और पूरी योजना बताने का निर्देश दिए थे।

 

इधर फिर 18 से ज्यादा मवेशियों को अज्ञात वाहन ने कुचल दिया:

 

घटना सोमवार की है। सीपत थाना क्षेत्र के एरमसाही का है। जहां भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत दर्रीघाट से कोरबा के बीच बाईपास हाइवे निर्माण का काम चल रहा है। बताया जा रहा है, निर्माणाधीन हाइवे में सोमवार तड़के अज्ञात वाहन ने सड़क पर बैठे 18 से ज्यादा गोवंशों को कुचल दिया।

 

 

हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं

 

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में इसकी सुनवाई चल रही है। बीते दिनों हाई कोर्ट ने राज्य शासन को इस संबंध में शपथ पत्र के साथ जानकारी मांगी थी। साथ ही कोर्ट ने निर्देशित भी किया था कि गोवंशों को सुरक्षित जगह पर रखा जाए। इसके बावजूद नेशनल हाइवे की स्थिति बेहद खराब है। बिलासपुर-अंबिकापुर नेशनल हाइवे पर चौबीसों घंटे मवेशियों को बैठे देखा जा सकता है।