आज निकलेगी राजनांदगांव की झांकी, नहीं बजेंगे कानफोड़ू डीजे…
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
गणेश झांकी को लेकर प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 55 डेसीबल से अधिक साउंड पर डीजे बजाने पर सीधे कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ऐसे स्थिति में डीजे साउंड सिस्टम के साथ वाहनों की भी जब्ती बनाई जाएगी।
राजनंदगांव।शहर में सौ साल से निकल रही गणेश विसर्जन झांकी के आयोजन में समय के साथ लगातार बदलाव आए। बैलगाड़ी से शुरू हुआ यह आयोजन बड़े-बड़े वाहनों में निकलने लगे हैं, यहां तक झांकी के लिए क्रेन का भी उपयोग होने लगा है। झांकी के साथ निकलने वाले पारंपरिक बाजा, धुमाल, बैंड बाजा की जगह डीजे ले चुका है, लेकिन डीजे की साउंड पर नियंत्रण नहीं होने से ध्वनि प्रदूषण और लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर को लेकर अब कोर्ट ने सत कदम उठाए हैं।
बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन इस ओर सत रवैय्या अपनाते हुए झांकी निकालने वाली समितियों और डीजे साउंड सिस्टम वालों को सख्त हिदायत दी है। प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 55 डेसीबल से अधिक साउंड पर डीजे बजाने पर सीधे कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।ऐसे स्थिति में डीजे साउंड सिस्टम के साथ वाहनों की भी जब्ती बनाई जाएगी। इस आदेश के विरोध में डीजे साउंड सिस्टम यूनियन द्वारा सोमवार को विरोध में रैली निकाली जाएगी।
17 को निकलेगी विसर्जन झांकी
शहर की परंपरा नुसार 17 सितंबर को हवन के बाद गणेश विसर्जन झांकी निकाली जाएगी। समितियों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। शहर में तकरीबन 35 झांकियां निकलेगी। (DJ Ban in CG) हालांकि डीजे साउंड पर नियंत्रण को लेकर समितियों में थोड़ी नाराजगी देखी जा रही है, लेकिन बैठक में समितियों ने कोर्ट के आदेश का पालन करने का आश्वासन देते हुए, पूरे उत्साह और उमंग के साथ विसर्जन झांकी निकालने की सहमति जताई है।
धुमाल पार्टी की मांग
विसर्जन झांकी में वृहद स्तर पर डीजे बजाने को लेकर प्रतिबंध के बाद कई समितियों ने डीजे साउंड को कैंसिल करवाते हुए धुमाल और बैंड पाटियों को बुक किया है।
कुंड में होगा विसर्जन
पुलिस प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है। रात में पर्याप्त जवानों की तैनाती रहेगी। साथ ही कैमरे से भी निगरानी होगी। निर्धारित रूट मानव मंदिर चौक से ही झांकियों की इंट्री होगी, जो शहर भ्रमण करते हुए गंज चौक पहुंचेगी। (DJ Ban in CG) छोटी-बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए शिवनाथ नदी के किनारे बने कुंड में विसर्जित किया जाएगा। बड़े मूर्तियों के लिए क्रेन की भी व्यवस्था की जाएगी।