जेल से पैरोल पर गए 22 बंदी अब तक नहीं लौटे, जेल प्रबंधन करा रहा एफआइआर
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
कोरोना महामारी के दौरान छूटे बंदियों की संख्या अधिक, परिवारों से भी संपर्क
22 बंदी ऐसे हैं जो जेल से बाहर तो निकले, लेकिन जेल लौटकर नहीं आए।
एक निर्धारित अवधि के बाद पैरोल के बाद वापस जेल लौटना होता है
बिलासपुर। केंद्रीय जेल बिलासपुर से पैरोल पर गए 22 बंदी लौटे ही नहीं। उनके स्वजन को बार-बार सूचना देने के बाद भी जब बंदी नहीं लौटे तो जेल प्रबंधन ने संबंधित थानों को फरार बंदियों की जानकारी दी है। प्रबंधन की मानें तो थानों में उनके फरार होने की एफआइआर दर्ज कराई गई है। सजायाफ्ता बंदियों के वापस जेल नहीं पहुंचने पर जेल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है
जेल अधीक्षक ने बताया कि पैरोल पर गए बंदियों को विभिन्न कारणों के चलते छुट्टी पर भेजी गई थी। न्यायालय के निर्देश पर बंदियों को एक निर्धारित अवधि के बाद पैरोल के बाद वापस जेल लौटना होता है। अधिकांश बंदी लौट भी आते हैं। लेकिन 22 बंदी ऐसे हैं जो जेल से बाहर तो निकले, लेकिन जेल लौटकर नहीं आए।
हत्या, हत्या व अन्य मामलों में भेज गए थे जेल
जेल प्रबंधन के अनुसार जिन बंदियों को पैरोल पर भेजा था, वह अलग-अलग अपराध में सजा काट रहे थे। पैरोल पर निकले बंदियों में कोई हत्या का आरोपित था, तो कोई दुष्कर्म के मामले में जेल पहुंचा था। कुछ बंदियों को अन्य गंभीर अपराध में भी जेल दाखिल कराया था। न्यायालय के आदेश पर उन्हें पैरोल दी गई थी।
कोरोनाकाल में गए थे अधिकांश बंदी
कोरोना महामारी के दौरान फैलते संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन ने अच्छे चाल-चलन वाले बंदियों को पैरोल पर भेजा था। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान पैरोल की अवधि कई बार बढ़ाई गई थी। नहीं लौटने वालों में इनकी ही संख्या सर्वाधिक है।
वर्जन…
पैरोल मिलने के बाद जेल के बंदियों को छोड़ा जाता है। कोरोना व विभिन्न समय पर बंदियों को पैरोल दी गई थी। 22 बंदी ऐसे हैं, जो पैरोल मिलने के बाद वापस जेल नहीं आए हैं। उनके वापस न आने पर संबंधित थानों में इसकी सूचना दी गई है।
खोमेश मंडावी, जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल बिलासपुर