लारेंस बिश्नोई के शूटरों का ब्लू प्रिंट पुलिस के हाथ, खौफ पैदा करने कमर के नीचे मारनी थी दो गोली
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
लारेंस और अमन साहू गैंग के चार शूटर पुलिस रिमांड में
एक कारोबारी पर 20 राउंड फायरिंग करने का था निर्देश
रायपुर। : लारेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के शूटरों के पास से दो कारोबारियों पर हमले के लिए तैयार किया गया ब्लू प्रिंट पुलिस के हाथ लगा है। इसमें एक-एक गोली के बारे में उल्लेख किया गया है। शूटर रायपुर और रायगढ़ में जिन दो कारोबारियों पर हमला करने वाले थे, उन्हें कमर के नीचे दो-दो गोली मारने का निर्देश था। वहीं, पांच राउंड फायर फायरिंग उनकी गाड़ी में करना था।
उनका उद्देश्य क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के साथ झारखंड में ठेका लेने वाले कारोबारियों के बीच दहशत फैलाने का था। शूटरों को रायपुर के कारोबारी पर कुल 20 राउंड फायरिंग करने का निर्देश मिला था। पकड़े गए शूटरों में पप्पू सिंह, देवेंद्र सिंह, रोहित स्वर्णकार और मुकेश कुमार पुलिस की रिमांड में हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है।
पीछा करने वालों पर भी फायरिंग करने का था निर्देश
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मलेशिया में बैठकर अमन साहू का गैंग चला रहे मयंक सिंह ने शूटरों को पकड़ने और पीछा करने की स्थिति में पकड़ने वालों के साथ ही पीछा करने वालों पर भी फायरिंग करने का निर्देश दिया था। फिर चाहे वह पुलिसवाले ही क्यों न हों। घटना को अंजाम देने से पहले बदमाश रायपुर में किसी इलाके में बाइक चोरी करते।
पहचान छिपाने चेहरे पर स्कार्फ बांधने के साथ हेलमेट में काले कलर का फाइबर ग्लास लगाकर वारदात करते। गोली चलाने के बाद बदमाश बाइक को रास्ते में छोड़कर और अपना गेटअप चेंज कर कोई दूसरा वाहन चोरी कर ओडिशा के रास्ते झारखंड, बोकारो भाग जाते। योजना के अनुसार, इन्हें अगले 15 मिनट के भीतर शहर से बाहर निकलने को कहा गया था।
पप्पू करता है रेस्टोरेंट में काम
शूटरों में पकड़ा गया सरगना पप्पू सिंह पूर्व में भी गोली कांड में जेल जा चुका है। वह राजस्थान के एक रेस्टोरेंट में खाना बनाने का काम करता था। साथ ही वहीं से पूरे गैंग को आपरेट कर रहा था।
रिसेप्शन से लेकर वेटर तक पुलिस के जवान
भांठागांव में जिस होटल में सबसे पहले पहुंचे शूटर रोहित को पुलिस ने पकड़ा था। होटल में लगभग 50 से ज्यादा पुलिस के जवान अलग-अलग रूम और होटल में रिसेप्शन के अलावा वेटर की भूमिका में थे। वहां आने-जाने वालों पर निगरानी रखी जा रही थी। सभी के पास पिस्टल थी। आदेश था कि अगर कुछ गड़बड़ होता है तो एनकाउंटर कर दिया जाता।
पप्पू ने की वीडियो काल पर बात
– जानकारी के अनुसार रोहित पुलिस की गिरफ्त में था। पप्पू लगातार उससे बात कर रहा था। पप्पू के आदेश पर देवेंद्र सिंह और मुकेश काम कर रहे थे। पप्पू ने कई बार रोहित को वीडियो काल भी किया, सब कुछ ठीक होने की खबर पर दोनों को भेजा गया। जब वीडियो काल होता था उस समय रोहित पुलिस के गिरफ्त में था।
इंदौर से किसने दी पिस्टल, उसकी तलाश जारी
कारोबारियों की हत्या के लिए रोहित को पिस्टल मध्यप्रदेश के इंदौर के पास सेंधवा से मिली थी। यहां उसे एक लोडेड मैगजीन भी उपलब्ध कराई गई थी। अब पुलिस उसकी भी पतासाजी में जुटी हुई है कि पिस्टल किसने उपलब्ध करवाई।