सड़कों पर यमराज बनकर दौड़ रहे मालवालक, दो महीने में सड़क हादसों में सौ से अधिक की मौत

 सड़कों पर यमराज बनकर दौड़ रहे मालवालक, दो महीने में सड़क हादसों में सौ से अधिक की मौत

राज्य ब्यूरो प्राइम सी 24 न्यूज़ मोहम्मद आसिफ खान

जागरूकता और सार्वजनिक परिवहन के साधानों की कमी से हादसे
पिकअप में मौत की सवारी, दो महीने में सड़क हादसों में सौ से अधिक की मृत्यु

रायपुरl मालवाहक वाहनों में लोगों की सवारी मौत का कारण बनती जा रही है। छत्‍तीसगढ़ में बीते तीन महीने के भीतर सड़क हादसे में 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें 25 लोगों की मृत्यु पिकअप पलटने से हुई है। सड़क दुर्घटना में 100 से अधिक मौतें 60 अलग-अलग सड़क सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं, जबकि पिकअप पलटने की सिर्फ चार सड़क हादसों में ही 25 लोगों की मौत हो गई।

मालवाहक वाहनों में ठूंस कर लोगों को भरने व जागरूकता की कमी की वजह से मौतों का आंकड़ा बढ़ते जा रहा है। बीते तीन महीने शादियों के सीजन में प्रदेश में सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। मंगलवार को कवर्धा की घटना की जांच के लिए सड़क सुरक्षा की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की है। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष संजय शर्मा के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने वाहन चालक से भी पूछताछ की।

क्लच में फंस गया चप्पल, गाड़ी का बैलेंस बिगड़ा
वाहन चालक ने जांच टीम को बताया कि तेंदूपत्ता लाने के लिए सुबह चार बजे उठे थे। वापसी में ग्राम बाहपानी के पास पहाड़ी रास्ते में 40 मीटर पहले मोड़ के साथ ढलान हैं। यहां चप्पल (स्लीपर) क्लच में फंस गया, जिसकी वजह से गाड़ी अनबैलेंस होने लगी। तभी अचानक ब्रेक ने भी काम करना बंद कर दिया। मैंने व मेरे साथ बैठे साथियों ने ब्रेक फेल की आवाज देकर छलांग लगा दी,जिसके बाद पीछे बैठे कुछ पुरुषों ने भी छलांग लगाई। गाड़ी बिना चालक के हो चुकी थी। वाहन में बैठी महिलाओं की मौत हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा-अतिरिक्त सावधानी बरतें
घटना के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि सड़क सुरक्षा के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए। ऐसे हादसों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास होना चाहिए। गृहमंत्री विजय शर्मा मंगलवार को मृतकों के अंतिम संस्कार में पहुंचे व परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
मृतक के स्वजन को 20 और घायलों को पांच लाख देने की मांग
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कवर्धा सड़क हादसे के मृतकों के स्वजनों को 20 लाख व घायलों को पांच लाख मुआवजा देने की मांग की है। बैज ने कहा कि सभी प्रभावित तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे। आदिवासी वर्ग से हैं। सभी को मुआवजे के साथ महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक श्रमिक बीमा योजना के तहत भी लाभ दिया जाना चाहिए। सरकार इस घटना की जिम्मेदारी तय करे और दोषियों पर कार्रवाई करे। हादसे पर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी जांच की मांग की है।

कवर्धा के पहले पिकअप से यहां सड़क दुर्घटना

1. तीन मौतें, 22 घायल 28 मार्च को महासमुंद जिले के एनएच 53 नरतोरा के पास 31 लोग मालवाहक वाहन पिकअप से लौट रहे थे। यहां तेज रफ्तार पिकअप ट्रैक्टर से टकरा गया। घटना में तीन की मौत व 22 घायल हो गए। झलप रामपुर के लोगों में इस घटना से अभी भी शोक की लहर है।

2. 20 घायल एक की मौत मुंगेली जिले के अंतर्गत अकलतरा थाना क्षेत्र के ग्राम साजापली से पिकअप वाहन में 20 लोग सवार होकर के ग्राम पेंड्री तालाब में नहाने गए हुए थे। जहां से सभी वापस अपने गांव साजापली आ रहे थे। तभी अचानक पिकअप वाहन चालक ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया, जिससे पिकअप पलट गई और उसमें सवार 20 लोग घायल हो गए थे। दो दिन बाद इस घटना में घायल एक वृद्ध की मौत हो गई थी।

3. 15 घायल दो की मौत बिलासपुर जिले के अंर्तगत 30 मार्च 2024 को ग्राम सोनपुरी थाना कोटा के तहत पिकअप दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जानकारी के मुताबिक बेटी की शादी के बाद चौथियां में जा रहे परिवार व समाज के लोग पिकअप में सवार थे। इस घटना में दो की मौत व 15 व्यक्ति घायल हो गए।

परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश ने कहा, वाहनों की फिटनेस जांच को लेकर प्रदेशभर में सघन कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मालवाहक वाहनों में यात्री परिवहन रोकने के लिए सख्ती बरतने को कहा गया है। जिला अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भी भेजनी होगी।

अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा, सड़क हादसों में कमी के लिए जन जागरूकता जरूरी है। शादी, बारात, चौथियां, छठ्ठी आदि कार्यक्रमों के लिए पिकअप व मालवाहक वाहन का उपयोग हो रहा है। इस पर लोगों को जागरूक होना चाहिए। कवर्धा घटना स्थल का मुआयना करने के बाद एक-दो दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

सड़क दुर्घटना के यह प्रमुख कारण

– शराब पीकर गाड़ी चलाना।

– गाड़ियों का फिटनेस न होना।

– वैवाहिक, धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों में यात्रियों के लिए मालवाहक वाहनों का उपयोग।

– ओवरलोडेड वाहन, ब्लैक स्पाट,यातायात के नियमों की जानकारी का अभाव।

– गाड़ियों पर कार्रवाई करने पर राजनीतिक दबाव।

सड़क हादसे रोकने यह प्रमुख उपाय

– ग्रामीण व अर्धशहरी क्षेत्रों में लोक परिवहन के बढ़ावा दिया जाए।

– गांव-गांव में जनजागरूकताl

– पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में संकेतक, ब्लैक स्पाट की पहचान हो।

– गाड़ियों का फिटनेस हर महीने चेक करवाएं।

– मालवाहक वाहनों में यात्री परिवहन पर रोक लगे।

बीते वर्ष सड़क दुर्घटना में 2920 लोगों की मौत

जिला सड़क दुर्घटना मौतें
रायपुर 1440 507
दुर्ग 1155 315
बिलासपुर 1147 316
कोरबा 644 336
रायगढ़ 635 316
जशपुर 353 256
महासमुंद 482 294
अंबिकापुर 487 293
बलौदाबाजार 541 287
सूरजपुर 452 288
(नोट-जनवरी-अप्रैल 2023 के मुकाबले जनवरी-अप्रैल 2024 तक सड़क हादसों में 4.67 प्रतिशत व मृत्युदर में 2.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है)