रायपुर-नागपुर के बीच ट्रैक पर लगे ऑटोमेटिक सिग्नल, एक ही ट्रैक पर चल सकेंगी 5 से 6 ट्रेनें
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
रायपुर।।रेलवे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए ट्रैक पर ऑटोमेटिक सिग्नल लगा रहा है। वर्तमान में सरोना-नागपुर के बीच लग गया है। सरोना-रायपुर के बीच दो माह के भीतर लग जाएगा। आटोमैटिक सिग्नल के लग जाने से पटरियों पर ट्रेनों की संख्या के साथ ही रफ्तार भी बढ़ जाएगी। क्योंकि वर्तमान में 15 किमी की डिस्टेंस में एक ट्रेन चलती है। लेकिन अब 5-6 ट्रेनें एक साथ चल सकेंगी। ट्रेनों को अब आउटर में खड़ी करने की समस्या भी दूर हो जाएगी। इससे यात्रियों का समय बचेगा। यदि किसी कारण से सिग्नल में खराबी आ जाती है तो पीछे चल रही ट्रेनों को इसकी सूचना तत्काल मिल जाएगी। इससे ट्रेन जहां भी रहेगी वहीं रुक जाएगी।
रायपुर रेलवे स्टेशन से 90-95 ट्रेनें रोजाना गुजरती हैं। वर्तमान में एक से दूसरे स्टेशन की दूरी 12 से 15 किलोमीटर के बीच होती है। ट्रेन को यह दूरी तय करने में करीब 15 मिनट का समय लगता है। क्योंकि प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन के रवाना होने के बाद दूसरी ट्रेन को चलाया जाता है। इस बीच तकरीबन 15 मिनट का अंतर आता है। लेकिन ऑटो मेटिक सिग्नल लग जाने के बाद यह समय घटकर 7 से 8 मिनट हो जाएगा। अब एक सिग्नल के पार करते ही दूसरी ट्रेन को पीछे से रवाना किया जाएगा। इससे ट्रेनों के लेट होने का सिलसिला कम होगा।
ट्रेनों की संख्या बढ़ने से लग रहा नया सिस्टम :वर्तमान में हावड़ा-मुंबई ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन सबसे ज्यादा हो रहा है। इस रूट पर रायपुर बिलासपुर मुख्य स्टेशन है। यहां से उत्तरप्रदेश, बिहार, मुंबई, राजस्थान दिल्ली समेत चारों दिशाओं के लिए ट्रेनों का आवागमन होता है। इसके साथ ही इस ट्रैक पर वंदे भारत, मुंबई हावड़ा, राजधानी जैसी गाड़ियां भी दौड़ रही है। ट्रेनों की संख्या ज्यादा होने की वजह से ही नया सिस्टम लगाया जा रहा है।
आटोमैटिक सिग्नल से बढ़ जाएगी ट्रेनों की रफ्तार
स्टेशन यार्ड से ट्रेन के आगे बढ़ते ही ग्रीन सिग्नल मिल जाएगा। यानी एक ब्लाक सेक्शन में एक के पीछे दूसरी ट्रेन सिग्नल के सहारे एक-दूसरे के पीछे चलती रहेंगी। अगर आगे वाले सिग्नल में तकनीकी खामी आती है तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी सूचना मिल जाएगी, जो ट्रेन जहां रहेंगी, वहीं रुक जाएंगी। पहले जहां दो स्टेशनों के बीच एक ही ट्रेन चल सकती थी वहीं ऑटो सिग्नलिंग के द्वारा दो स्टेशन की बीच दूरी के अनुसार दो, तीन या चार ट्रेनें भी आ सकती है