चुनावी हार का बदला लेने इलेक्ट्रीशियन ने रची हत्या की साजिश, मारा गया गरीब मजदूर, हाथ पर लिखवाया था- वैष्णव परिवार मेरा जानी दुश्मन
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
– आरोपित की पत्नी ने लड़ा था नगर पंचायत चुनाव, लेकिन मिली हार
– चुनाव में मनोरमा को जीत मिलने के बाद से वैष्णव परिवार से पाली दुश्मनी
– आरोपित का वैष्णव परिवार से जमीन विवाद और चुनाव को लेकर चल रहा था रंजिश
राजनांदगांव। : डोंगरगांव के जामसरार के कृषि फार्म में दो दिन पहले बम धमाके में मजदूर की मौत हो गई थी। तीसरे दिन पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित का लंबे समय से वैष्णव परिवार से जमीन का विवाद और चुनाव को लेकर पुरानी रंजिश चल रहा था। वैष्णव परिवार के संतोष वैष्णव व सुनील वैष्णव से बदला लेने आरोपित कुमान कंवर फार्म हाउस में बारूद से भरे डब्बे को तार से बोरवेल के स्टार्टर बटन से जोड़कर जमीन में दबा दिया था।
रविवार को फार्म हाउस में काम करने वाले नरेश कुमार ओटी ने जैसे ही बोरवेल के स्टार्टर बटन को चालू किया वैसे ही जोरदार धमाका हुआ। धमाके के बाद नरेश की दर्दनाक मौत हो गई। इस तरह फार्म हाउस के मालिक से दुश्मनी भुनाने के चक्कर में गरीब मजदूर मारा गया।
आरोपित कुमान कंवर और वैष्णव परिवार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। वर्ष 2015 के चुनाव में वैष्णव परिवार की संतोष वैष्णव की मां मनोरमा वैष्णव नगर पंचायत चुनाव में खड़ी हुई थी। वहीं आरोपित की पत्नी जमुना बाई ग्राम जामसरार कला में पंचायत चुनाव लड़ी थी। इसी चुनावी माहौल में पूर्व में वैष्णव परिवार व आरोपित के मध्य वाद विवाद हुआ था।
चुनाव में आरोपित की पत्नी की हार भी हुई थी। वहीं आरोपित के पूर्वजों ने जमीन भी बेची थी। जिसे भी लेकर विवाद चल रहा है।
एक-एक पटाखों से जमा किया बारूद, इस तरह रचा षड्यंत्र
आरोपित पहले से बिजली इलेक्ट्रीशियन का काम भली-भांति जानता था। यही नहीं बिजली कंपनी में अस्थाई तौर पर ठेकेदारी में बिजली मिस्त्री का काम भी कर चुका था। आरोपित दीवाली में फोड़ने वाला पटाखा (बम) को लाकर अपने घर की बाड़ी में छोटा बम तैयार कर सेल बैटरी के माध्यम से फोड़ा था। इसमें सफल रहा। धीरे-धीरे दीवाली के समय से अत्याधिक मात्रा में बम पटाखा का बारूद इकट्ठा कर कचरे के डिब्बे से एक प्लास्टिक के डिब्बे में बारूद भरकर वायर कनेक्शन कर बम तैयार कर अपने घर में छुपा कर पूर्व से रखा था। बम फोड़ने के लिए कनेक्शन के लिए बिजली दुकान से वायर पूर्व से खरीद कर रखा हुआ था।
आरोपित जानता था कि पानी मोटर को रोज सुबह सुनील वैष्णव आकर चालू करता है। केवल समय का इंतजार कर गड्ढ़ा खोद कर कनेक्शन करना शेष था। 28 अप्रैल की रात करीब डेढ़ बजे बेटी को डाक्टर को दिखाकर व शादी से बेटी को लेकर पत्नी के साथ वापस ग्राम जामसरार आया तो देखा कि संतोष वैष्णव का फार्म हाउस का लाइट बंद है। जिसके बाद अंधेरे में फार्म हाउस के अंदर जाकर जुगाड़ बम फीट करने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा ऐसा तत्काल योजना बनाई।
रात ढाई बजे संतोष वैष्णव के फार्म हाउस जाकर देखा कि सीढ़ी के नीचे बोर पंप का स्टार्टर लगा हुआ था। सीढ़ी के नीचे ही सब्बल रखा हुआ था। जिससे करीबर डेढ़ से दो फीट गड्ढा खोदकर स्वयं के बनाया हुआ जुगाड़ बम प्लास्टिक डिब्बे को गड्ढे के अंदर गाड़ कर मिट्टी और झिल्ली व बोरियों से ढक दिया। कनेक्शन बाहर निकाल कर मोटर पैनल से कनेक्ट कर दिया और घर में जाकर सो गया। सुबह करीब करीब सात बजे जब बाड़ी काम करने वाला ग्राम मनेरी का रहने वाला मजदूर नरेश कुमार ओटी मोटर स्टार्ट करने गया तो ब्लास्ट से मौत हो गई।
तार से खुला राज, सुनील को मारने के लिए लगाया था बम
पुलिस ने प्रार्थी से उसके फार्म में काम करने वाले मजदूरों व पूर्व रंजिश रखने वाले के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान जामसरार निवासी कुमान कंवर का पूर्व से वैष्णव परिवार से रंजिश, बिजली मिस्त्री का काम करना व पूर्व आपराधिक रिकार्ड होना पाया गया। आरोपित पुलिस को गुमराह करता रहा। लेकिन घटना स्थल निरीक्षण पर एफएसएल टीम व पुलिस टीम द्वारा मौके पर मोटर पंप पैनल कनेक्शन में उपयोग लाए गए अतिरिक्त काले रंग के एक एमएम के वायर जो विस्फोट में उपयोग किया गया था वह पुलिस के हाथ लग गई। इसके बाद पुलिस आरोपित कुमान के घर पहुंचकर तलाशी ली। इस दौरान घर से वायर मिला। जिसके बाद पुलिस आरोपित से सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ में आरोपित ने पुरानी रंजिश के चलते सुनील वैष्णव को मारने के लिए जुगाड़ बम फिट करना स्वीकारा।
हाथ में गुदवाया गोदना, वैष्णव परिवार मेरा जानी दुश्मन
पुरानी रंजिश के चलते आरोपित कुमान कंवर ने वैष्णव परिवार को खत्म करने की साजिश रच रखी थी। यही नहीं अपने हाथ में गोदना गोदवाया कि मेरा जानी दुश्मन पूरा वैष्णव परिवार। नवंबर माह में धान कटाने के दौरान फिर से सुनील वैष्णव और आरोपित कुमान के बीच विवाद हुआ। विवाद के बाद आरोपित ने सुशील वैष्णव को रास्ते से हटाने का पूरा प्लान बना लिया।
इसके लिए उसने दीपावली के समय पटाखों से बारूद को निकालकर डिब्बे में एकत्रित करने लगा। करीब दो किलोग्राम बारुद एकत्रित होने के बाद उसे प्लास्टिक डिब्बा में भरकर तार कनेक्शन जोड़कर घर में रखा था।