राम मंदिर का शुभारंभ केवल एक इवेंट था’, कंगना रनौत को लेकर क्या बोल गए कांग्रेस दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के सीनियर नेता टीएस सिंहदेव ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का शुभारंभ शुभ मुहूर्त में नहीं हुआ। यह केवल एक व्यक्ति को प्रायोजित करने का इवेंट था। सिंहदेव ने कंगना रनौत पर भी हमला बोला।
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने राम मंदिर पर भाजपा के हमले का भी जवाब दिया है। टीएस सिंह देव ने राम मंदिर को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भाजपा द्वारा प्रायोजित बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में पूरा फोकस पीएम मोदी पर ही था। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण कांग्रेस द्वारा ठुकराने के सवाल पर कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने कहा कि जब धर्म और भगवान राम की बात हो रही है तो ये अति हो रहा है कि लोग पीएम मोदी को भगवान विष्णु का अवतार बता रहे हैं।
इस दौरान टीएस सिंह देव ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मंडी लोकसभा सीट से फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को टिकट दिया है, जब भी वह अपने भाषण की शुरुआत करती हैं तो कभी पीएम मोदी को विष्णु का अवतार, तो कभी भगवान शिव का अवतार कहती हैं। यहीं से उनका चुनावी प्रचार शुरू होता है। देश में आजकल क्या-क्या हो रहा है?
‘राम मंदिर के लिए मुहूर्त नहीं था’
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन ना तो शुभ मुहूर्त में हुआ और ना ही अधूरे मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए थी। सनातन और ग्रंथों के अनुसार भी ऐसा नहीं हो सकता है। वैसे आप एक बड़ा इवेंट आयोजित कर रहे हैं। जिसमें आपने किसको-किसको बुलाया। जिस तरह से देश की राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू के हाथों नई संसद का उद्घाटन नहीं करवाया। ठीक वैसे ही अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ना देकर उनका अपमान किया है।
राम मंदिर का शुभारंभ एक इवेंट था
उन्होंने कहा- यह एकमात्र इवेंट था, जिसमें सबने देखा कि 90 प्रतिशत कैमरा पीएम मोदी पर फोकस था। ये देखकर बहुत दुख होता है कि देश में आखिर क्या हो रहा है? अगर हम भगवान राम की भावना से प्रेरित होकर इस कार्य को कर रहे थे, तो कैमरा रामलला की मूर्ति पर होना चाहिए था और रामलला की मूर्ति पर कैमरा केंद्रित करके 2 से 4 प्रतिशत कार्यक्रम में शामिल लोग, चाहे पीएम मोदी हों या सीएम योगी आदित्यनाथ और कुछ महंत, उन पर होना चाहिए था। वैसे कार्यक्रम में लगे कैमरे में किसको फॉलो किया जा रहा था। भाजपा ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक इवेंट बना दिया और कार्यक्रम में अन्य लोगों को ना बुलाकर राम जी का अपमान किया है।
फोटो देखकर दुख हुआ
टीएस सिंह देव ने कहा कि मैंने राम मंदिर के उद्घाटन से पहले रामलला की फोटो देखी। मैं उन फोटो को देखकर बहुत ज्यादा दुखी हुआ था कि पीएम मोदी भगवान राम को हाथ पकड़कर चला रहे हैं और लोगों के पास ये फोटो जा रही है। उनका कोई रिएक्शन नहीं है, सबने चुप्पी साध रखी है। किसी को इस बात का एहसास नहीं है कि हम भगवान राम को चलाकर ले जा रहे हैं। शायद मैं यह सब कुछ पहली बार राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर बोल रहा हूं कि मुझे ये देखकर बहुत तकलीफ हुई।
एक व्यक्ति के लिए प्रायोजित था कार्यक्रम
मेरे पिता के जन्म के समय उस वक्त छत्तीसगढ़ के सरगुजा के महाराज रामानुज शरण सिंह देव ने भगवान राम का एक मंदिर बनवाया था और मेरे माता-पिता ने उस मंदिर को बाबा जी को समर्पित कर दिया था। आज भी यही परंपरा है कि बाबा जी और उनके दो अनुयायी हैं, वो उस राम मंदिर की देखभाल करते हैं। इतना ही नहीं रामनवमी के दिन परिवार के व्यक्ति को ही बुलाकर पाठ खुलवाते हैं। मान लीजिए बाबाजी ने हमें सम्मान दे दिया कि आप और आपका परिवार राम जी का पाठ खोलने के लिए आ जाएं। लेकिन, अयोध्या में क्या हो रहा था, एक प्रायोजित प्रोग्राम, जिसमें एक व्यक्ति और पार्टी को प्रमोट करने के लिए सब कुछ किया गया था।