महंगी होती सीमेंट का मुद्दा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक पहुंचा… सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लिखी चिट्ठी
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार
रायपुर सांसद बृजमोहन की मांग, सीमेंट की कीमत वृद्धि पर लगे रोक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को लिखा पत्र
महंगी सीमेंट का असर पीएम आवास जैसी सरकारी योजना पर पड़ रहे है
रायपुर। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के संसाधनों का दोहन करने के बाद भी सीमेंट कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है। इसका पूरा बोझ आम जनता पर पड़ता है। सांसद ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र भी लिखा है।
सांसद ने कहा कि राज्य में सीमेंट का हर महीने लगभग 30 लाख टन (6 करोड़ बैग) उत्पादन किया जाता है। खुले बाजार में नवंबर के पहले सीमेंट प्रति बोरी 260 रुपये बिक रही थी, इसे 275 से 300 रुपये तक कर दिया गया है।
वहीं सरकारी एवं जनहित के प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाला सीमेंट 205-210 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 250 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है। आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और वृद्धि की तैयारी है।
सरकारी योजनाओं पर पड़ रहा असर
अग्रवाल ने कहा कि कीमतों में वृद्धि का सीधा असर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, शासकीय योजनाओं, और प्रधानमंत्री आवास योजना पर पड़ रहा है। सितंबर में हुई इसी प्रकार की मूल्य वृद्धि पर उनके अनुरोध के बाद कंपनियों को दरें वापस लेनी पड़ी थीं। सरकार से अपील की है कि इस बार भी तेजी से प्रभावी कदम उठाकर जनता को राहत प्रदान की जाए।
इसी तरह सरिया के दाम भी लगातार ऊपर-नीचे हो रहे हैं, जिसका बोझ भी आम उपभोक्ता को झेलना पड़ रहा है।
टैक्स चोरों पर सख्ती के लिए जीएसटी में एमएफए अनिवार्य
इस बीच, खबर है कि टैक्स चोरों को पकड़ने के लिए जीएसटी विभाग नया नियम लेकर आया है। विभाग ने ई-वे बिल और ई-इनवाइसिंग सिस्टम को लेकर अपडेट किया है। इसके तहत 20 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों पर एमएफए (मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन)लागू हो गया है। वहीं पांच करोड़ से ज्यादा टर्नओवर के कारोबारियों पर एक अप्रैल से एमएफए अनिवार्य होगा।
अधिकारियों का कहना है कि यह सिस्टम फर्जी बिलिंग रोकने व सिक्योरिटी को चाक चौबंद करने की व्यवस्था है। ई-वे बिल न होने पर वाहन और माल को जब्त किया जा सकता है। साथ ही माल के मूल्य का 10 प्रतिशत या 10,000 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। नए नियम के लागू होने के बाद टैक्स चोरों पर लगाम और कस जाएगा।